विराटनगर । प्रधानमन्त्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना संचालनमें अएलापर प्रदेश नम्बर १ में कृषिउपज तथा माछ उत्पादन वढएके साथे कृषकके जिवनस्तरमें सुधार भरहल देखाएल अछि ।

परियोजना संचालनमें अएलापर अनुदान भेटरहलासँ कृषि यान्त्रिकरणमें कृषकके आकार्षण वढएके साथे धान,गहुम मकै,इलायची आदी,दुध,सुपारी लगायतक खाद्यान्न उपजके उत्पादनमें वृद्धि भेल भेटल अछि । परियोजना कार्यान्वय इकाई मोरङद्वारा मंगलदिन विराटनगरमें आयोजना कएलगेल चालु आर्थिकवर्षके प्रगति समिक्षा गोष्ठिमें उक्त बात बताएलगेल छल ।

परियोजना कार्यान्वयन इकाई प्रमुख राम बलम प्रसाद साह परियोजना संचालन भेलापर प्रदेश १ में कृषि यान्त्रिकरणके तीब्रताके साथे नयाँ पोखरि विस्तार पुरना पोखरिके मर्मतसंभार, कृषि भण्डार केन्द्रके स्थापना,कृषि प्रसोधन केन्द्र संचालन, चक्लावन्दी खेतीके विस्तार सिचाईके सहज व्यवस्था,बंगुर वधशाला तथा ईलायची भट्ठीके निर्माण तथा रोजगारीके अवसर सृजना भक कृषकके जिवन स्तरमें सुधार आएल बतौलनि ।

कार्यक्रममें बजैत प्रदेश नम्बर १ कृषि मन्त्रालयके सचिव मेघराज तिम्सिना पर्याप्त वजेट आ दक्ष जनशक्तिके अभावमें कृषिक्षेत्र सोचलाजेहन समुन्नत नैभसकल बतौलनि । ओ युवासबके लक्षित करैत परियोजनाद्वारा कृषि उत्पादन बढबएबला आओर योजनासब लाबए बिषयमें सुझाव देने छलथि ।

कार्यक्रममें परियोजना कार्यान्वयन इकाई प्रमुख रामबलम प्रसाद साह, परियोजना व्यवस्थापन इकाई खुमलटारके वरिष्ठ कृषि प्रसार अधिकृत तिर्थराम श्रेष्ठ प्रदेश नम्बर १ कृषि मन्त्रालयके योजना महाशाखा प्रमुख पशुपती पोखरेल तथा प्रधानमन्त्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना, परियोजना कार्यान्वय इकाई मोरङके कार्यक्रम अधिकृत प्रतिक्षा श्रेष्ठ परियोजनाके कामक प्रगतिके बिषयमें कार्यपत्र प्रस्तुत कएलनि ।

कार्यक्रममें मोरङके सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी महेशराज तिम्सिना तथा परियोजना इकाई मोरङके सामाजिक विकास विज्ञ सुन्दर झा परियोजनाके महत्व स्पष्ट कएने छलथि । २०७३ में शुरु भेल इ परियोजना २०८३ धरि संचालन होएत ।

१० वर्षधरि संचालन होबबला अहि परियोजना अन्र्तगत कृषि तथा माछमाउसमें देशके आत्मनिर्भर बनबएके लक्ष्य राखलगेल अछि । नेपाल सरकार कृषि उत्पादन वढबएलेल परियोजना अन्तर्गत किसानके समुहमें ५० प्रतिशतसँ ८५ प्रतिशतधरि अनुदान दैत आएल अछि ।

परियोजना संचालनमें अएलापर माछ उत्पादन वढएके साथे आदी तथा ईलायची लगायतक खाद्यान्न तथा तरकारीके सेहो निर्यात बढल परियोजनाके तथ्यांकमें देखाईत अछि ।

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