विराटनगर २९ चैत । विराटनगरके एकटा परिवार दू पुस्तासँ शिक्षाके ज्योति फैलाबहेतु समर्पित अछि । अहि यादव परिवारक चारिभाई मध्य ३ भाइ प्रधानाध्यापक आ एक भाइ शिक्षक अछि तथा परिवारक बेटी,पुतहु सेहो शिक्षेक्षेत्रमें समर्पित अछि ।

विराटनगर १४ के ७५ बर्षिय बिष्णुदेव यादव जतुवाके पुरान बासिन्दा छथि । जतुवाके यादवचौकपर हुनकर पुस्तैनी घर छैक । अहिसँ पहिने निजि शिक्षककेरुपमें घरघर जाक होम ट्युसन पढएनिहार यादव एम्हर आबिक धर्म संकीर्तणसबमें मगन भेटैतछथि ।

३ दशकतक आन लोकके धियापुतामें शिक्षाके ज्योती फैलाबमें उर्जाशिल समय खर्च केनिहार यादवके अपनो घर शिक्षाके ज्योतीसँ ईजोत भेल छन्हि । हुनकर चारिटा सुपुत्र छन्हि आ चारु बेटा शिक्षाक्षेत्रमें समर्पित भेल अछि । हुनक तीनगोटे बेटा प्रधानाध्यापक आ एकगोटे शिक्षककेरुपमें शिक्षाक्षेत्रमें कार्यरत छथि ।

जेठ बेटा राजेशप्रसाद यादव विराटनगर १४ के श्री जनता बाल आधारभुत विद्यालयमें प्रधानाध्यापक छथि । तहिना माझिल अरबिन्दकुमार यादव जहदा गाउँपालिकाके वडानम्बर १ में रहल बुधेश्वरी माध्यमिक विद्यालयमें,सझिला राजिव कुमार यादव विराटनगरके वडानम्बर १८ में रहल श्रीराम आधारभुत विद्यालयमें प्रधानाध्यापक छथि तथा सबसँ छोट बेटा संजिवकुमार यादव विराटनगर १७ के रघुपति आधारभुत विद्यालयमें शिक्षक छथि । चारु बेटामध्य सझिला अरबिन्द एमएड आ आन तीनु भाई बिएड कएनेछथि ।

एतबे मात्र नहि बिष्णुदेवक पुतहुसब सेहो शिक्षा क्षेत्रमें सेवा करहल छथि । माझिल पुहतु सोनम विराटनगरके जनविकास माध्यमिक विद्यालयमें बाल शिक्षिकाकेरुपमें कार्यरत छथि तथा सझिली पुतहु सेहो विराटनगरके गायत्री संस्कृत विद्यालयमें लेखापालके जिम्मेवारी सहित कार्यरत छथि ।

पुरान शिक्षक बिष्णुदेवक एकगोटे बेटी ममता यादव सेहो विराटनगर १८ के विराट आधारभुत विद्यालयमें बालशिक्षककेरुपमें कार्यरत छथि । अपन संघर्षकदिन याद करैत बिष्णुदेव, स्वयं २०२४ सालमें विराटनगरके सत्यनारायण विद्यालयसँ एसएलसी पास कएलबात जानकारी देनेछथि ।

ओहि समयमें अपन बसोबास रहल क्षेत्र जतुवा कठकुप्पा गाउँ पञ्चायतकेरुपमें रहल आ तत्कालिन समयमें अहिगामसँ एसएलसी पास केनिहार स्वयं एकमात्र ब्यक्ती रहल ओ जानकारी देनेछथि । घरघर घुमिक ट्युसन पढबैतकाल अपन धियापुताके सरकारी मास्टर बनाबके देखल सपना माता सरस्वतीके कृपासँ पुरा भेल ओ बतबैछथि ।

एनाक एक्के परिवारक बेटा,बेटी आ पुतहु सेहो सबगोटे शिक्षाक्षेत्रमें समर्पित होबके प्रयास केनाई आ अवसर सेहो प्राप्त केनाइ दुर्लभ कहल जासकैत अछि ।

प्रयास आ कर्म कएलापर कि सम्भव नहि अछि बातक उदाहरण जतुवाके अहि यादव शिक्षक परिवारसँ सिखल जासकैत अछि ।

सम्बन्धित खबरहरु