विराटनगरके एकगोटे युवती जैन साध्वी बनएहेतु सन्यास लैत घरपरिवार त्याग कएने अछि । बिराटनगर ७ के २२ बर्षिय दिक्षा नाहटा जैन धर्मपरम्परा अनुसार साध्वी बनएलेल गृहत्याग कएने अछि । मोक्षप्राप्तिके कामनासहित सांसारिक जीवनके भोगविलास त्याग करैत नाहटा साध्वीके दिक्षा लेबलागल अछि ।
जैन धर्म अनुसार साध्वीके दिक्षा लेलापर घरपरिवार,इष्टमित्र तथा नाता कुटुम्ब परित्याग कक गुरुपरम्परा अनुसारक जीवन जिबए परैत अछि । साध्वीके दिक्षा ग्रहण कएलापरान्त जीवनभर सवारीसाधनके प्रयोग बर्जित होबके साथे रुपैयापैसा नैलबके,रात्रीकालके भोजन निषेध तथा सम्पुर्ण जीवन धार्मिक आराधनामें ब्यतित करएपरैत अछि ।
अहि भादो २४ गतेकेदिन जैन धर्मके सबसँ पुज्यगुरु आचार्य महाश्रमणसँ ओ ओ धार्मिक दिक्षा लेब लागल अछि । दिक्षाहेतु आवश्यक धार्मिक शिक्षा आ उपासना लगायतक सब चरण पार कक मुमुक्षु बनिचुकल दिक्षाके मंगलदिन विराटनगरमें अभिनन्दन सहित नगर परिक्रमा कराएलगेल छल । स्थानिय जैन भवनसँ सजाएलगेल रथमें राखिक दिक्षाके नगर परिक्रमा कराएलगेल छल ।
कठिन साधना सहित विभिन्न चरण पार कचुकल किछु भाग्यमानीके मात्र साध्वी बनएके अवसर हासिल होइत आएल तेरापंथ यूवक परिषदके सचिव मोहित लालवानी बतौनेछथि । अहिबर्ष राजस्थानके छापरमें आचार्य महाश्रमणके चर्तुमास चलिरहलासँ ओहिठाम दिक्षा नाहटाके आचार्य महाश्रमणद्वारा साध्वीके दिक्षा देबाक कार्यक्रम अछि ।
दिक्षा विराटनगरके एकटा निजी बोर्डिङ स्कुलसँ कक्षा दसधरि आ भारतसँ प्राकृत भाषामें एमए धरिके अध्यन कचुकल पारिवारिक श्रोत बतौने अछि । दिक्षाद्वारा भारतके राजस्थानमें पारमार्थिक शिक्षा सेहो लचुकल बताओलगेल अछि । कमे उमरसँ दिक्षा स्वयं सन्यासी बनब बतबैत आएलाके कारण अपने सेहो सहमति देलहुँ हुनक पिता राकेश नाहटा बतौनेछथि ।
मुमुक्षु नाहटाके सम्मानमें जैन भवन परिसरमें अभिनन्दन सभा सेहो आयोजन कएलगेल छल । तेरापन्थ महिला मण्डल,तेरापन्थ युवक परिषद,तेरापन्थ प्रोफेश्नल फोरम आ अनुब्रत समिति संयुक्तरुपमें कर्यक्रमके आयोजना कएने छल ।
एखनिधरि विराटनगरसँ जैन समुदायक ७ गोटे महिला सन्यासी भचुकल बताओलगेल अछि ।