विराटनगर २० माघ । पत्रकार सुजीतकुमार झाद्वारा मैथिली भाषामे लिखित अनुसन्धानमूलक पुस्तक ‘पुनि पुनि होत विवाह’ क लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न भेल अछि । माघ १७ गते सोमदिन मधेश प्रदेशक राजधानी जनकपुरधाममें एकटा समारोहक बीच अहि पुस्तकक लोकार्पण कएलगेल अछि ।
रामजानकी विवाह सम्बन्धमे लिखल गेल ई पुस्तकक प्रकाशन मधेश सरकारक उद्योग, पर्यटन वन तथा वातावरण मन्त्रालय कएने अछि । ६ सौ ८८ पुष्ठक ओ पुस्तकक एहिसँ पहिने संघिय संस्कृति मन्त्रालय विद्यापति पुरस्कार कोष एक लाख टकाक पुरस्कार प्रदान कएने छल । पुस्तक के लोकार्पण मधेश सरकारक भौतिक पूर्वाधार मन्त्री रामसरोज यादव आ उद्योग पर्यटन वन तथा वातावरण मन्त्री शत्रुधन महतो संयुक्त रुपसँ कएने छलथि । ‘पुस्तककेँ नेपालक मधेश प्रदेश भीतर रहल नगरपालिका गामपालिका, मन्त्रालय आ प्रमुख कार्यालयसभमें राखल जाएत,’ उद्योग पर्यटन वन तथा वातावरण मन्त्री शत्रुधन महतोे जानकारी देलन्हि अछि । रामजानकीक विवाह सम्बन्धी महत्वपूर्ण बातसभ पुस्तकमे आएल आ बाहरसँ जनकपुरधाम आवएवलाकेँ एहिके माध्यमसँ बहुत किछु भेटत हुनक कथन छल ।
भौतिक पूर्वाधार तथा विकास मन्त्री रामसरोज यादव मैथिली पुस्तकालय मधेश प्रदेशक ठाम ठाम बनावए सुझाब देलन्हि । संगहि मैथिली पुस्तकके प्रकाशनक लेल प्रदेश सरकारमे मन्त्रीक हैसियतसँ दबाब वनाएव से वचनवद्धता प्रकट कएलन्हि । समारोहमे जानकी मन्दिरके उत्तराधिकारी महन्थ रामरोशन दास वैष्णव जनकपुरधामक पहिचान रामजानकीसंग रहलाक कारण एहन पुस्तकसँ जनकपुरधामक पर्यटन बढावएमे सहयोग पहुँचत बतौलन्हि । मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. रेवतीरमण लाल कहलन्हि, ‘मिथिलाक घर घरमे राम सीता रहल छथि रामसीता जेहने विवाह होइत आएल चर्चा करैत घर घरक परम्परा एहि पुस्तकमे आएल अछि ।’ मैथिली विकास कोषक अध्यक्ष जीवनाथ चौधरीे अध्यक्षता करैत कहलन्हि, ‘पुस्तक प्रकाशन मैथिली लेखकक लेल बहुत समस्या बनल चर्चा करैत एहिके लेल नेपाल सरकार आ प्रदेश सरकारके योजना बनावए पड़त ।’
पुस्तकके सम्ीक्षा करैत समीक्षक रामचन्द्र झा ‘रमण’ कहलन्हि सुजीत एहने अनुसन्धाता–व्याख्याता एवं विश्लेषक छथि । ई भगवान राम एवं भगवती सीताक विवाह–प्रकरणक किंवा एहिसँ जुड़ल चतुर्दिक आयामक विविध वस्तुक आधान–रेखांकनक अवगाहन कएलन्हि अछि ! पाठकक समक्ष संवाहन कएलन्हि अछि ।’ ‘हिनक ई अनुसंधान–विश्लेषण–ग्रन्थ हृदयमे आह्लादकत्व भरि दैत अछि –सुनितहिं अनुरागक रागिनी श्रवणपुट्केँ अनुगंजित कए दैत अछि… ‘पुनि पुनि होत विवाह…’ लगैत अछि, मने, भगवती भारतीक वीणा–नादक दिव्यतम निनादक झंकृतिक आस्वादक लालित्य ग्रन्थक नामकारण करबाकाल हिनकामे भरि गेल होन्हि आ श्रीगणेश कएलेने होएताह… पुनि पुनि होत विवाह !,’ हुनक कथन छल ।
‘एतावता सुजीतजीक परिश्रम–पाथेय परिपुष्ट भए पुस्तक–प्रारुपक प्रादुर्भाव करबामे समर्थ सिद्ध भेल अछि– पुनि पुनि होत विवाह !,’ ओ आगाँ कहलन्हि ।
समारोहमे पूर्व सांसद, वरिष्ठ साहित्यकार अयोध्यानाथ चौधरी, रोशन जनकपुरी, चर्चित गायक सुनिल मल्लिक, नेपाल पत्रकार महासंघ मधेश प्रदेशक अध्यक्ष रोश कर्ण, जनकपुर उद्योग वाणिज्य संघक अध्यक्ष जितेन्द्र महासेठ, लोसपा नेताद्वय मनोजकुमार चौधरी, संजयकुमार चौधरी, गौ संरक्षण मञ्चक अध्यक्ष जगदीश महासेठ, लेखक सुजीत कुमार झा, वन तथा पर्यटन मन्त्रालयक अधिकृत सुरेश शर्मा, पत्रकार श्यामसुन्दर शशि, प्राध्यापक रुद्रकुमार झा सहितक वक्तासभ बाजल छलथि । सुजीतक मैथिली भाषामे ई दशम कृति अछि ।