विराटनगर । रथयात्राके क्रममें रथमें परिक्रमा कराओलजाएबला श्रीराधाकृष्णके मुर्तिके महाअभिषेक कएलगेल अछि ।

रथयात्रा बाहेकके अन्य समयमें शयन मुद्रामें राखलजाएबला मुर्तिके धार्मिक परम्परा अनुसार महाअभिषेक कएलगेल अछि । मन्दिर परिसरमें शनिदिन भोर वैदिक परम्परा अनुसार पुजापाठके आयोजना करैत रथमें परिक्रमा कराएलजाएबला मुर्तिके महाअभिषेक कएलगेल अछि ।

पण्डित भवानी शंकर निरौला मुर्तिके महाअभिषेक करौलनि । ओहि क्रममें वेदपाठ करैत भगवानके मुर्तिके दूध,दही,घ्यू,चिनि आ मौधसँ नहाएलगेल छल । पञ्चामृतसँ स्नान करएलापश्चात श्रीराधाकृष्णके मुर्तिके बस्त्र,आभुषण आ फुलमालासँ सुसज्जित कएलगेल छल ।

रथयात्राके क्रममें रथमें राखलजाएबला मुर्ति रथयात्रा पश्चातके एकबर्षधरि मन्दिरमें रहल एकटा कोठलीमें काठके बक्सामें शयन मुद्रामें राखलजाइत अछि । अहि मुर्तिके रथयात्राके दिन शयनगृहसँ निकालिक वैदिक परम्परा अनुसार पुजापाठ कक रथारुढ कराओलजाईत अछि, पण्डित निरौलोे बतौनेछथि ।

रथयात्रा पश्चात फेरसँ ओहि मुर्तिके शयनगृहमें राखलजाएत पण्डित निरौला जानकारी देनेछथि । मन्दिरमें राखलगेल चल मुर्तिके बर्षभरि पुजाआजा होइत अएलोपर रथमें प्रयोग कएलजाएबला अचल मुर्तिके बर्षभरि शयन मुद्रामें राखलजाइत अछि ।

रथमें प्रयोग कएलजाएबला मुर्ति समाजसेवी भुपालमानसिंह कार्की २०२५ सालमें भारतके जयपुरसँ किनक आनने छलथि । ओहिसँ पहिने खट्यात्रामें प्रयोग कएलजाएबला राधाकृष्णके छोट्का मुर्ति हाल मुख्य मन्दिर परिसरके दक्षिण कातक कोठलीमें दर्शन आ पुजाहेतु राखलगेल अछि तथा मुख्य मन्दिरके उत्तरदिसके कोठलीमें अचल मुर्तिके शयन मुद्रामें राखलजाईत अछि ।

आई (शनिदिन) दूपहर साढे ३ बजे विराटनगर १ पोखरियास्थित मन्दिर परिसरसँ रथयात्रा निकाललजाएत आयोजक समिति जानकारी देने अछि ।

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