दर्जनों नेपाली फिल्म, एल्बम आ विभिन्न भाषा भाषिके समेत लगभग दू सौ गित गायन कचुकल विरेन्द्र झा चिरपरिचित गायक छथि ।

ओ २०५५ सालमें राजेश हमाल,दिलिप रायमाझी आ करिश्मा मानन्धर अभिनित फिल्म पुजामें शम्भुजित बास्कोटाके संगितमें ‘कहाँ लाग्छ माया किन लाग्छ माया’ बोलके गित गाबिक चर्चामे आएल छलथि । तहिना रिक्शा चालक,पाउजु,सुरक्षा आ बस नम्बर १३६ लगायतके फिल्ममें सेहोे ओ अपन स्वर दचुकल छथि ।

संगितकार नरहरी प्रेमीद्वारा संगितबद्ध ‘छिन छिन चुरा,मनको कुरा’ बोलके गित सहित दर्जनौं नेपाली एल्बम सब सेहो हुनकर स्वरसँ सजल अछि । नेपालीके सगें अपन मातृभाषा मैथिलीमें सेहो ओ लगभग २ सौ के संख्यामे गित रेकर्ड कराचुकल छथि । २०५८ सालमें विरेन्द्र आ पुर्णिमाके स्वरमें पटनामें रेकर्ड तथा गंगा क्यासेटसँ रिलिज भेल ‘कमाल तोहर ओढनी’ एल्बमके सिडी १० लाख प्रतिसँ बेसी बिकाएल छल ।

अहि गितमे भुसन सिंह भमरके शब्द आ उग्रकान्त झाके संगित छल । तहिना यूट्युबमें रिलिज भेल ‘ईजोरियाके चान’ बोलके हुनकर स्वरके गित एखनितक १२ मिलियनसँ बेसी भ्युज हासिल कचुकल अछि । नेपाली आ मैथिलीके अतिरिक्त भोजपुरी,अंगिका आ थारु भाषाके गितसबमे सेहो ओ स्वर देने छथि । मधेश प्रदेशके सप्तरी हनुमान नगर कंकालिनी नगरपालिका भारदहके स्थायि बासिन्दा विरेन्द्रके मोनमें बाल्यावस्था सँ गितसंगित प्रति तिब्र अभिरुचि छल ।

पिता भागिरथ झा आ माय सरस्वती देवीके कोखसँ विक्रमसम्बत २०३५ जेठ १२ गते विरेन्द्रके जन्म भेल छल । ८ भैयारी आ ३ दिदी–बहिनमें विरेन्द्र सबसँ छोट छथि । ९ बर्षके उमरसँ ओ गित गाबके शुरु कएने छलथि । स्वयं अध्ययनरत पोर्ताहास्थित कंकालिनी माध्यमिक विद्यालयसँ हुनकर गायन यात्रा प्रारम्भ भेल छल । ओइ समयमें प्रत्यके शुक्रदिन विद्यालयमें हाफटाईमके छुट्टी बाद हुनका शिक्षकसब विद्यार्थीके बिचमें गाबलेल प्रेरित करैत छल ।

रिश्तामें कक्का रहल गायक उदितनारायणके सफलता आ चर्चासँ बाल्यवस्थे सँ अपनामें गायक बनएके सपना जागल झा के कहब अछि । गायक बनएके तिब्र इच्छाके कारण ओ २०४६ सालमें गामके पुर्वदिस रहल कोशी ब्यारेजमें काज कएनिहार तथा संगितके सेहो जानकार रहल राघवेन्द्र झा सँ संगितके प्रारम्भिक ज्ञान लेबके सुरु कएने छलथि । एसएलसी बाद २०५१ सालदिस अपन सांगितिक सपना पुरा करएलेल ओ काठमाण्डु गेलनि ।

गायक बनएके लक्ष्य सहित काठमाण्डु पहुँचलोपर ओहिठाम टिकनाई सोचला जेहन सहज नहि छल । किछ महिनाके संघर्ष बाद ओ स्थानिय गार्मेन्टमे मजदुरके रुपमे काम शुरु कक अपन संघर्षके जारी रखलनि । ओहि क्रममे ओ पशुपतिनाथ मन्दिरमे भजनकिर्तन करएबला समुहसंग जुडिक ओहि समुहमें आबद्ध भक भजनकिर्तन गाब लगलनि । यद्यपि फिल्म जगतसंग जुडएके हुनकर संघर्ष जारीए रहल आ फुर्सतके समयमें ओ दैनिक पैदले चर्चित संगितकार सबके दोहारि पहुँचैत छलथि ।

ओहि समयके अपन चिन्हलजानल तत्कालिन सञ्चारमन्त्री जेपी गुप्ता सहितके आन चिन्हार लोकसबके भेटएलेल सेहो ओ लाजिम्पाटसँ सिनामंगलधरि पैदले जाईत छलथि । यद्यपि किनकोसँ अपेक्षित सहयोग नै भेटल विरेन्द्रके उलहन अछि । संघर्षके अवस्थामें हुनका काठमाण्डुस्थित भारतीय राजदुतावासद्वारा १५ अगस्तमें प्रत्येकबर्ष आयोजन कएलजाएबला स्वतन्त्रता दिवसके कार्यक्रममें गित गाबएके अवसर भेटल ।

बादमें दुतावासके स्कलरशिपपर हुनका २००५ में संगितमें बिए कोर्ष अध्ययन करएके मौका भेटल आ ३ बर्षक कोर्ष करएलेल कलकत्ताके रबिन्द्र भारती युनिभर्सिटी गेलथि । संगितमे बिए संगे विरेन्द्र लखनउके भातखण्डे युनिभर्सिटीसँ घराना संगितके २ बर्षक शिक्षा सेहो लेलनि । अध्ययन पश्चातके ९ बर्ष उर्जाशिल समय ओ काठमाण्डुएमें बितौलथि आ २०६७ एम्हर विराटनगरके केन्द्रबिन्दु बनाक अपन मातृभाषा मैथिलीके गितसंगितके उत्थानमें खर्च करैत आएल छथि ।

संगित क्षेत्रके अपन प्रथम गुरु राघवेन्द्र झाके शब्द आ बिजयसिंह मुनालके संगितमें २०५२ सालमें रेडियो नेपालमें विरेन्द्रके पहिल मैथिली गित ‘तोहर बाजब बडा मजेदार’ रेकर्ड भेल छल । बाल्यावस्थासँ गितसंगित प्रति समर्पित विरेन्द्र गितसंगितके पछिला अवस्था देखक चिन्ता ब्यक्त करैतछथि ।

प्रबिधिके विकास भक गितसंगितके बजार युट्युबपर बिस्तार भेलोपर असभ्य भाषा आ पैरोडी गितसबके प्रश्रय भेटरहल हुनकर कहब अछि । एहन परिपाटिसँ श्रोता,दर्शक,गायक आ संगितकार सबके हानि होएत झा के निश्कर्ष अछि ।

–गायक विरेन्द्र झा संग कएलगेल बातचितपर आधारित

सम्बन्धित खबरहरु