विराटनगर । मैथिली भाषाके विराटनगरके एकगोटे सुप्रसिद्ध साहित्यकारके ५१ बर्षक साहित्य साधना पश्चात ७७ बर्षक उमरमें पहिल कृति प्रकाशित भेल अछि ।

मैथिली साहित्यमें रा.ना.सुधाकरके नामसँ चर्चित विराटनगर १४ के रामनारायण दासके पहिल कृति ‘दीयरि’ विराटनगरमें विमोचन कएलगेल अछि । विराटनगरस्थित महेन्द्र मोरङ आदर्श बहुमुखी क्याम्पसमें अषाढ २५ गते आयोजित कार्यक्रमकबीच उक्त कथा संग्रहके विमोचन भेल अछि ।

नेपाल सरकार प्रदेश–१ क स्वास्थ्यमन्त्री जयराम यादव,मैथिली सेवा समितिक अध्यक्ष डाक्टर एस.एन.झा,महासचिव विपुलेन्द्र झा, महेन्द्र मोरङ क्याम्पसके पुर्व क्याम्पस प्रमुख सरोजकुमार चौधरी,इन्जीनियर फुलकुमार देव,मैथिली एसोशिएसन नेपालक अध्यक्ष प्रवीण चौधरी आ डाक्टर वाई पी यादव लगायतक अतिथिगण कथा संग्रहके विमोचन कएलनि ।

विराटनगरके मिथिलेश्वरी मिडिया प्रालि सुधाकरद्वारा रचित विभिन्न २० टा कथा समेटक ‘दीयरि’ शिर्षकमें संग्रह प्रकाशन कएने अछि । अहि कथाके पाण्डुलिपि नेपाल सरकारद्वारा देलजाएबला १ लाख राशीके विद्यापति पाण्डुलिपि पुरस्कार २०६९ सँ अहिसँ पहिनहि पुरस्कृत भचुकल अछि । तहिना संग्रहके शिर्षक कथा ‘दीयरि’ त्रिभुवन विश्वविद्यालयके एम ए तहके मैथिली संकायमें सेहो अध्यापन होइत आएल अछि ।

५ दशकसँ साहित्य सृजनमें सक्रिय विराटनगर–१४ निवासी ७७ बर्षिय साहित्यकार सुधारके अहिसँ पहिने नेपाल तथा भारतके विभिन्न पत्रपत्रिकासबमें एक सौ सँ बेसी फुटकर रचनासब प्रकाशित भचुलक अछि । यद्यपि पुस्तकाकाररुपमें प्रकाशन नैभसकल अवस्थाके ध्यानमें राखिक ‘दीयरि’ प्रकाशन कएलगेल मिथिलेश्वरी मिडिया प्रालिके अध्यक्ष नवीन कर्ण जानकारी देनेछथि ।

अहि कथा संग्रहके सम्पादन कर्ण संजय कएनेछथि । विमोचन कार्यक्रमकबीच साहित्यकार एवम मैथिली अभियानी कुमार पृथु संग्रह उपर टिप्पणी कएने छलथि । पहिल संस्करणमें ५ सौ प्रति पुस्तक प्रकाशित कएलगेल मिथिलेश्वरी मिडिया प्रालि जानकारी देने अछि ।

एखनो साहित्यकार सुधाकरके कथा संग्रह ‘विकल्प’ सहित कविता संग्रहसब ‘अच्छत, ‘धरोहर’ आ ‘प्रेमपत्र’ अप्रकाशित अवस्थामे रहल अछि । तहिना गीत संग्रह ‘सयपत्री’, ‘कब–कब’ आ गजल संग्रह ‘कागजके फुल’ तथा ‘हीरा–मोती’ सेहो प्रकाशित नै भसकल अछि ।

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