विराटनगर । कोरोनाके कारण दूबर्षसँ स्थगन होइत आएल विराटनगरके श्रीराधाकृष्ण रथयात्राके अहिबेर निरन्तरता देलजारहल अछि ।
आबबला भादो ४ गते नगरक्षेत्रके पानीटंकीस्थित मन्दिर परिसरसँ दूपहर साढे ३ बजे परम्परागतरुपमें रथ निकालजाएत आयोजक समिति जानकारी देने अछि । रथ निकालएके ब्यापक जनदबाब पश्चात सोमदिन बैसल मन्दिर कार्यसमितिके बैठक कोरोना प्रोटोकोलके पालन करेत रथयात्राके निरन्तरता देवाक निर्णय कएने अछि ।
कार्यसमितिके अध्यक्ष कैलाश रेग्मीके अध्यक्षतामें बैसल बैठक रथयात्राके परम्परागतरुपमें निरन्तरता देबाक निर्णय कएने अछि । यद्यपि बेसी भीडभाड नैहोए अभिप्रायसँ रथके आगुमें राखलजाएबला झाँकीसब सहभागि नैकराओलजाएत आ कोभिड सम्बन्धि प्रोटोकोलके पालन कराओलजाएत मन्दिर समितिके अध्यक्ष रेग्मी बतौनेछथि ।
रथ निकालके बिषयमें कार्यसमितिके निर्णय भेल तथा जिल्ला प्रशासन आ प्रहरी कार्यालय सहित सम्बन्धित निकायसंग समन्वय कएलजारहल अध्यक्ष रेग्मी जानकारी देनेछथि । कोरोना संक्रमणके महामारीकें कारण अहिसँ पहिलुका दूबर्ष भीडभाड कएने बिना परम्परा निर्वाहके हिसाबसँ मात्र खटयात्रा निकाललगेल छल ।
ओहिसमयमें सार्वजनिक सुचना देनेबिना गाडीपर डोला राखिक गुपचुप नगर परिक्रमा कराएलगेल छल । अहिबेर निकाललजारहल रथयात्रा ५४ मं संस्करणके अछि । अहिसँ पहिने ५२ म आ ५३ म रथयात्रा स्थगन कएलगेल छल ।
ओहि बिषयमें प्रतिक्रिया दैत जिल्ला प्रशासन कार्यालय मोरङके साहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी शरदकुमार पोखरेल ब्यापकरुपमें रथयात्रा निकालएके बिषयमें एखनिधरि जानकारी नै आएल बतौनेछथि । मन्दिर समितिद्वारा जानकारी करएलापश्चात जिल्ला प्रशासन आवश्यक निर्णय लेत ओ बतौनेछथि ।
विक्रम सम्बत १९८८ सालमें भगवान श्रीराधाकृष्णके मृर्तिके डोलामें राखिक कन्हापर घुमबैत पहिलबेर विराटनगर पोखरियास्थित मन्दिर परिसरसँ खट्यात्रा निकाललगेल इतिहास अछि ।
विक्रम सम्बत २०२५ सालमें खटयात्राके रथयात्रामें रुपान्तरण कएलगेल छल । विराटनगरके इ रथयात्रा एशियाके दोसर सबसँ पैघ रथयात्राके मान्यता हासिल कएने अछि ।